बस दीवानगी की खातिर तेरी गली मे आते हैं,
मैं अपने अपने सिर पर ताज रखता हूँ, किसी और के दामन में नहीं।
हम तिरे ख़्वाबों की जन्नत से निकल कर आ गए
फिर देख कि इस शहर में क्या हो नहीं सकता
Preeta Singh is incredibly keen about Shayari & Poetries. She loves to put in writing Shayari in the course of her faculty situations and now pouring her creating like into you all by means of this gorgeous blog site.
कोई किसी के लिए जिंदगी है तो कोई किसी के लिए क्या है
औकात की बात मत कर मेरे दोस्त❤️लोग तेरी बंदूक से ज्यादा मेरी आँखों से डरते हैं
दिल की किताब के वो पन्ने हूँ मैं, जिन्हें सिर्फ तेरी नज़रें पढ़ पाएंगी।
वक़्त आने पे सवालों के जवाब दूंगा जरूर मुझे मालूम है,
और जब हमारी एंट्री होगी, तो मेरे बेटे शोर नहीं धमाका होगा।
गर्द-ए-शोहरत को भी दामन से लिपटने न दिया
जब हासिल ही वो करना है जो तकदीर के खिलाफ है।
कहतें हैं यह शख्स तजुर्बे में आगे निकल गया attitude shayari sudhri hai to life bas meri !
उस दिन ख़ुदा शिगाफ़ मिरे सर में डाल दे